Sukanya samriddhi yojana, जिसे सरकार ने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और शिक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 में लॉन्च किया था, अब एक महत्वपूर्ण बदलाव के साथ चर्चा में है। डाक विभाग ने सुकन्या समृद्धि योजना के खातों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि एक परिवार में केवल दो खाते ही खोले और चलाए जा सकेंगे। यदि किसी परिवार ने दो से अधिक खाते खोल रखे हैं, तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
Sukanya samriddhi खातों को बंद करने के निर्देश
डाक विभाग के पोस्ट मास्टर जनरल सुनील कुमार राय के अनुसार, कई परिवारों ने योजना के अंतर्गत दो से अधिक बेटियों के खाते खोल रखे हैं, जो नियमों के विपरीत है। विभाग अब इन खातों की जांच कर रहा है और आवश्यकता पड़ने पर इन खातों को स्वतः बंद कर दिया जाएगा। यदि कोई अभिभावक स्वयं इस काम को नहीं करते, तो विभाग स्वयं यह कदम उठाएगा। इस संबंध में सभी डाकघरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खाताधारकों के अभिभावकों का पैन और आधार विवरण सिस्टम में अपडेट करें, ताकि योजना में पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहे।
“ऐसा संज्ञान में आया है कि बहुत से परिवारों में दो से अधिक खाते चलाए जा रहे हैं, उन्हें बंद करना होगा। किसी रिश्तेदार ने बच्ची के नाम से खाते खोले हैं तो उन्हें संरक्षक दायित्व माता- पिता को ट्रांसफर करना होगा। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि धनराशि के भुगतान में समस्या न हो।” —सुनील कुमार राय, पोस्ट मास्टर जनरल, मुख्यालय परिक्षेत्र
कब और कैसे खोल सकते हैं खाते?
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत एक बच्ची के नाम से खाता उसकी जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक खोला जा सकता है। यह योजना विशेष रूप से बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए बचत को बढ़ावा देती है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ परिक्षेत्र में अब तक 5.60 लाख से अधिक खाते खोले जा चुके हैं।
हालांकि, कुछ परिवारों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए दो से अधिक खाते खोल रखे हैं। डाक विभाग ने साफ किया है कि यदि किसी परिवार में तीसरी बेटी जुड़वां है, तो ही तीन बेटियों के खाते खोले जा सकते हैं। अन्यथा, केवल दो ही खातों की अनुमति होगी।
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खाते की संरक्षकता में बदलाव
डाक विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि बच्ची के नाम से खाता दादा-दादी, नाना-नानी या अन्य रिश्तेदारों की संरक्षकता में खोला गया है, तो अब इस संरक्षकता को बच्ची के माता-पिता को हस्तांतरित करना होगा। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि खाता संचालन में अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
अभिभावकों के लिए आवश्यक दस्तावेज़
अब सभी अभिभावकों को अपने पैन और आधार कार्ड की जानकारी को डाक विभाग के सिस्टम में अपडेट करना अनिवार्य है। यह कदम खाताधारकों की पहचान को सत्यापित करने और किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए उठाया गया है। पैन और आधार की जानकारी फीड करने से खातों की निगरानी आसान होगी और कोई भी अवैध गतिविधि या गलत जानकारी से बचा जा सकेगा।
Sukanya samriddhi yojana के फायदे
इस योजना के तहत बेटी के नाम से खाता खोलने पर माता-पिता को कई लाभ मिलते हैं:
- उच्च ब्याज दर: यह योजना अन्य बचत योजनाओं की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करती है।
- टैक्स छूट: सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश किए गए पैसे पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
- बेटी की शादी या पढ़ाई के लिए सुरक्षा: खाता धारक बेटी की 21 वर्ष की आयु या उसकी शादी के लिए इस राशि का उपयोग कर सकते हैं।
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250 रुपये से खोल सकते हैं खाता
इस योजना के तहत केवल 250 रुपये से खाता खोला जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में 250 रुपये से अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है। इस खाते की अवधि 21 वर्ष है, जिसमें शुरू के 15 वर्ष ही खाते में पैसे जमा करने होते हैं। बिटिया की उच्च शिक्षा व अन्य कारणों से इस अवधि के पहले भी धनराशि निकाली जा सकती है। इसमें 8.2 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। 18 वर्ष पूरे होने पर बेटी केवाईसी कराकर स्वयं खाता संचालित कर सकती है।
Sukanya samriddhi yojana एक बेहतरीन योजना है, जो बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। लेकिन इसका सही और नियमों के अनुसार पालन करना सभी अभिभावकों की जिम्मेदारी है। डाक विभाग के नए निर्देश इस योजना को और अधिक पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए हैं, ताकि इसका लाभ वास्तविक और योग्य लाभार्थियों को ही मिले।
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